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Showing posts from March, 2018

इस काम मे पाकिस्तान से भी पीछे रह गया भारत HD

जी हां सरजी बिल्कुल सही पड़ा आपने,ये एक काम ऐसा रह गया,जिसमें भारत पाकिस्तान से पीछे हो गया।और वो है। खुश हाली। हाल ही में जारी 'वर्ल्ड हैपिनेस रिपोर्ट-2018' में भारत को 133वां स्थान मिला है. पिछले वर्ष भारत का स्थान 122वां था. इस बार सरवे में शामिल 156 देशों में भारत का स्थान इतना नीचे है, जितना कि अफ्रीका के कुछ बेहद पिछड़े देशों का है. हैरान करने वाली बात यह है कि इस सूचकांक में चीन जैसा सबसे बड़ी आबादी वाला देश ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, बांग्लादेश,श्रीलंका और म्यांमार जैसे छोटे-छोटे पड़ोसी देश भी ख़ुशहाली के मामले में भारत से ऊपर हैं. यानी इन देशों के नागरिक भारतीयों के मुकाबले ज़यादा ख़ुश है। चलिए आपको बताते है,क्या होती है वर्ल्ड हैपिनेस रिपोर्ट? वर्ल्ड हैपिनेस रिपोर्ट' संयुक्त राष्ट्र का एक संस्थान 'सस्टेनेबल डेवलपमेंट सॉल्यूशन नेटवर्क' (एसडीएसएन) हर साल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरवे करके जारी करता है. इसमें अर्थशास्त्रियों की एक टीम समाज में सुशासन, प्रति व्यक्ति आय, स्वास्थ्य, जीवित रहने की उम्र, भरोसा, सामाजिक सहयोग, स्वतंत्रता, उदारता आ...

Mar dalne ka dil chahta hai is insan ko!!����

 जी हा सही पड़ा आपने इस इंसान को गालियां देने का ही दिल चाहता है। इसकी वजह अगर आप भी जानेंगे तो आप भी इस शक्स को बिना गालियां दिए नही रह पाएंगे। कई दिनों से आपने अखबार, न्यूज़ चैनल, व्हाट्सएप, फ़ेसबुक पर सीरिया में हो रही जंग के बारे में सुना होगा। इस युद्ध की वजह क्या है? क्यों हो रही है जंग तो चलिए सबसे पहले आपको इस शख्स के बारे में बताते है। इस शख्स का नाम बशर अल-असद है। जो खुद को सीरिया का राष्ट्रपति कहता है। इसके "बाप", अल असद हाफेज़ ने 29 साल तक सीरया पर शासन किया था। अल - असद 2000 में निर्वाचित किया गया था। सीरिया में सबसे बड़ा धार्मिक समूह सुन्नी मुसलमान है जो लगभग 75% आबादी का हिस्सा है।जबकि क्रिस्चियन लगभग 11.2% और शिया समुदाय केवल 5% ही है। अगर मैं आपको एक ऐसे देश के बारे में बताउ जहा लोगो को अपनी मर्ज़ी से वहा के राष्ट्रयपति या फिर कोई भी बड़ा नेता चुनने का अधिकार ना हो,और जो पहले से ही राजा हो, उसी के नियमो को मानना पड़े, और वो हर रोज़ उनके खिलाफ उनके धर्म के खिलाफ कुछ नए कानून निकाले,तो आप वह के लोगो को क्या सलाह देना चाहेंगे। ज़ाहिर है आप उन्हें ज़ुल्म के खिलाफ उ...